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बदायूं को सपा का गढ़, यहां 50 फीसदी से ज्यादा वोटर यादव-मुस्लिम

सत्य खबर/नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2024 का शेड्यूल जारी हो गया है. 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश की बदायूं लोकसभा सीट पर 7 मई को मतदान होना है. समाजवादी पार्टी ने इस सीट से शिवपाल यादव को टिकट दिया है. बीजेपी ने अभी तक यहां अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. इस सीट से संघमित्रा मौर्य मौजूदा सांसद हैं और पूरी संभावना है कि भारतीय जनता पार्टी उन्हें दूसरी बार टिकट देगी. इस सीट का जातीय समीकरण इसे समाजवादी पार्टी का गढ़ बनाता है. ऐसे में बीजेपी उम्मीदवार के लिए शिवपाल को हराना आसान नहीं होगा.

बदायूँ में सबसे बड़ी संख्या यादव समुदाय से है और दूसरी सबसे बड़ी संख्या मुस्लिम मतदाताओं की है। यहां के 50 फीसदी मतदाता इन्हीं दो समुदायों से हैं. इस सीट पर पहले अखिलेश ने धर्मेंद्र यादव को टिकट दिया था, लेकिन बाद में बदलाव किया गया और अब इस सीट से शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं.

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बदायूँ का जातीय समीकरण

सबसे ज्यादा 4 लाख यादव मतदाता बदायूँ में हैं। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी साढ़े तीन लाख से अधिक है. यहां करीब 2.5 लाख गैर-यादव ओबीसी वोटर हैं. यहां वैश्य और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या भी करीब ढाई लाख है. इसके अलावा दलित मतदाताओं की संख्या करीब सवा दो लाख है. यादव और मुस्लिम समाजवादी पार्टी के परंपरागत वोटर माने जाते हैं. इस इलाके में शिवपाल यादव की अच्छी पकड़ है. ऐसे में बीजेपी उम्मीदवार के लिए यहां जीतना आसान नहीं होगा.

यह सीट 6 बार समाजवादी पार्टी के खाते में गई

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बदयूँ में 6 बार समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार चुनाव जीत चुके हैं। 1996 से 2019 तक यहां अखिलेश की पार्टी का कब्जा रहा है. 2019 में बीजेपी की संघमित्रा मौर्य ने जीत हासिल की, लेकिन इस बार फिर समाजवादी पार्टी जीत सकती है. 2019 में धर्मेंद्र यादव की हार का अंतर बहुत कम था. धर्मेंद्र को 46 फीसदी वोट मिले, जबकि संघमित्रा को 47.7 फीसदी वोट मिले. कांग्रेस उम्मीदवार के खाते में 4.8 फीसदी वोट गए. इस बार समाजवादी पार्टी I.N.D.I.A. विपक्षी दलों का. गठबंधन का हिस्सा. ऐसे में कांग्रेस इस सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारेगी. अगर कांग्रेस के वोट शिवपाल को मिल गए तो उनकी जीत लगभग तय हो जाएगी.

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